शाख के पत्ते - लीलावती बंसल

Organised and Created by: Dr.Bhawna

Monday, September 6, 2010

दामन नहीं छुड़ाएँगे इस ज़िदगी से हम...

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बहुत दिनों से अम्माजी की रचनाओं की लगातार माँग पर भी मैं पाठकों को रचनाएँ नहीं दे पाई उसके लिए क्षमा चाहती हूँ, अब मेरी किताबें युगांडा से म...
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Monday, April 12, 2010

-"बानवे बंसत'

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अम्माजी की नई पुस्तक आई है -"बानवे बंसत' उसी के कुछ अंश दे रही हूँ उदासी से घिरी अम्माजी कहती हैं- जी रही हूँ मैं भला, कौन-सी आशा ल...
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Saturday, February 27, 2010

होली...

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अम्माजी और परिवार की ओर से सभी पाठकों को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं भावना
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Sunday, December 6, 2009

दुखद..

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जीवन साथी से बिछुड़ने का गम क्या होता है ये आप सभी जानते हैं, अम्माजी को भी इस कठिन दौर से गुज़रना पड़ा, पिछले कुछ महिनों पहले अम्माजी के जी...
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Monday, May 4, 2009

परवाना आज दे गया क़ासिद हबीब का

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15 परवाना आज दे गया क़ासिद हबीब का पासा पलट गया है हमारे नसीब का। मुझसे छुपाएगा वो भला अपनी कोई बात रिश्ता है मुझसे उसका कुछ इतने क़रीब का। ...
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Tuesday, April 28, 2009

ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए

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14 ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए। हो हुनर कोई भी बस, इज़हार होना चाहिए आदमी को उम्र भर ख़ु...
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Wednesday, April 15, 2009

इस तरह लोगों के गर तू काम आता जाएगा

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13 इस तरह लोगों के गर तू काम आता जाएगा सबके दिल में एक दिन तू राम बन छा जाएगा। है तुझे उससे मुहब्बत इसमें शक कुछ भी नहीं तू यक़ीं कर तू भी उ...
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Dr.Bhawna Kunwar
मुझे साहित्य से बहुत प्यार है। साहित्य की वादियों में ही भटकते रहने को मन करता है। ज्यादा जानती नहीं हूँ पर मेरे अन्तःकरण में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो कभी तो आत्ममंथन करती हैं और कभी शब्दों में ढलकर रचनाओं का रूप ले लेती हैं। वही सब आपके साथ बाँटना चाहूँगी।
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