Tuesday, April 28, 2009

ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए

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ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए।

हो हुनर कोई भी बस, इज़हार होना चाहिए
आदमी को उम्र भर ख़ुदार होना चाहिए।

सत्य का, सद्-धर्म का विस्तार होना चाहिए
दोस्तों को दोस्त पर अधिकार होना चाहिए।

भाव पर, अनुभाव पर अधिकार होना चाहिए
रास्ता कोई भी हो भव-पार होना चाहिए।

कुछ भी हो बस आपका दीदार होना चाहिए
इन बहारों में चमन गुलज़ार होना चाहिए।

हुनर-गुण, दीदार-दर्शन, चमन-बगीचा, गुलज़ार-हरा-भरा
लेखिका- लीलावती बंसल
प्रस्तुतकर्त्ता- डॉ० भावना

20 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना प्रेषित की है।बधाई।

    भाव पर, अनुभाव पर अधिकार होना चाहिए
    रास्ता कोई भी हो भव-पार होना चाहिए।

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  2. मानवीय कर्म को ग़ज़ल में बहुत ख़ूबी से उभारा है।

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  3. अद्भुत रचना...बेहद खूबसूरत अशार....
    नीरज

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  4. हो हुनर कोई भी बस, इज़हार होना चाहिए
    आदमी को उम्र भर ख़ुदार होना चाहिए।

    बहुत बडिया सुदंर शब्दो को सुंदर संकलन

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  5. आदमी को खुद्दार होना चाहिए...सच में...बहुत खूब...

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  6. आपकी रचनाये मन को छु गयी. जीवन के मर्म को आपने पूरी सिद्दत के साथ उकेर कर रख दिया है... इसी प्रकार लिखते रहे..

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  7. बहुत ही लाजवाब सीख दी जी. बहुत धन्यवाद.

    रामराम.

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  8. सुन्दर बहुत बढ़िया लगी यह शुक्रिया

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  9. jeevan-darshan ko bilkul qreeb se
    samjhaati hui sundar rachna
    badhaaee

    ---MUFLIS---

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  10. sundar rachana-
    http://www.ashokvichar.blogspot.com

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  11. अति सुन्दर...बहुत आभार इस प्रस्तुति का.

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  12. ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
    दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए
    बहुत ही सुन्दर बढ़िया भाव. आभार

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  13. कुछ भी हो बस आपका दीदार होना चाहिए
    इन बहारों में चमन गुलज़ार होना चाहिए।

    बहुत इस सुन्दर प्रस्तुति है ...आभार !!!!!!!!

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  14. शाख के पत्ते के माध्यम से नव्वे साल की उम्र में लिखी गई रचना की १४ वीं कड़ी पढी /पहले तो डाक्टर साहिब का आभार /जिन्दगी में सार हो और आदमी खुद्दार हो रास्ता कोई भी हो , यही बात तो आज कल कोई नहीं मान रहा है ,सब के अपने अपने रस्ते हैं ,अपने अपने भव हैएक मार्ग दर्शक ,आध्यात्मिक रचना ,प्रेरणा प्रद

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  15. Bhavna ji,
    mata ji kee gajal bahut sundar lagee .khaskar ye linen man ko chhoone valee...
    ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
    दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए।
    mata ji ko badhai.
    Poonam

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  16. dr bhavnaji
    acha laga ki aapne leelavatiji ki achi kavita hume padhne ko prastut ki ...aapka v leelavatiji ka aabahr
    सत्य का, सद्-धर्म का विस्तार होना चाहिए
    दोस्तों को दोस्त पर अधिकार होना चाहिए।
    wah....bahut badiya

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  17. Wah kya khub sandesh hai aapka dil se pasand aaya..!

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  18. सुंदर और भावपूर्ण !

    वास्तव में साहित्य आपकी चाहत है !

    अच्छा लगा !

    सत के हित में जो लिखा जाये वही तो साहित्य है

    आइये सत ka didar thora aise भी kare !
    http://thakurmere.blogspot.com/

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