14
ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए।
हो हुनर कोई भी बस, इज़हार होना चाहिए
आदमी को उम्र भर ख़ुदार होना चाहिए।
सत्य का, सद्-धर्म का विस्तार होना चाहिए
दोस्तों को दोस्त पर अधिकार होना चाहिए।
भाव पर, अनुभाव पर अधिकार होना चाहिए
रास्ता कोई भी हो भव-पार होना चाहिए।
कुछ भी हो बस आपका दीदार होना चाहिए
इन बहारों में चमन गुलज़ार होना चाहिए।
हुनर-गुण, दीदार-दर्शन, चमन-बगीचा, गुलज़ार-हरा-भरा
ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए।
हो हुनर कोई भी बस, इज़हार होना चाहिए
आदमी को उम्र भर ख़ुदार होना चाहिए।
सत्य का, सद्-धर्म का विस्तार होना चाहिए
दोस्तों को दोस्त पर अधिकार होना चाहिए।
भाव पर, अनुभाव पर अधिकार होना चाहिए
रास्ता कोई भी हो भव-पार होना चाहिए।
कुछ भी हो बस आपका दीदार होना चाहिए
इन बहारों में चमन गुलज़ार होना चाहिए।
हुनर-गुण, दीदार-दर्शन, चमन-बगीचा, गुलज़ार-हरा-भरा
लेखिका- लीलावती बंसल
प्रस्तुतकर्त्ता- डॉ० भावना
प्रस्तुतकर्त्ता- डॉ० भावना
बहुत सुन्दर रचना प्रेषित की है।बधाई।
ReplyDeleteभाव पर, अनुभाव पर अधिकार होना चाहिए
रास्ता कोई भी हो भव-पार होना चाहिए।
वाह ...क्या बात है ...शानदार ...जानदार
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
मानवीय कर्म को ग़ज़ल में बहुत ख़ूबी से उभारा है।
ReplyDeleteअद्भुत रचना...बेहद खूबसूरत अशार....
ReplyDeleteनीरज
bahut sundar.
ReplyDeleteहो हुनर कोई भी बस, इज़हार होना चाहिए
ReplyDeleteआदमी को उम्र भर ख़ुदार होना चाहिए।
बहुत बडिया सुदंर शब्दो को सुंदर संकलन
आदमी को खुद्दार होना चाहिए...सच में...बहुत खूब...
ReplyDeleteआपकी रचनाये मन को छु गयी. जीवन के मर्म को आपने पूरी सिद्दत के साथ उकेर कर रख दिया है... इसी प्रकार लिखते रहे..
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब सीख दी जी. बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteरामराम.
सुन्दर बहुत बढ़िया लगी यह शुक्रिया
ReplyDeletejeevan-darshan ko bilkul qreeb se
ReplyDeletesamjhaati hui sundar rachna
badhaaee
---MUFLIS---
sundar rachana-
ReplyDeletehttp://www.ashokvichar.blogspot.com
अति सुन्दर...बहुत आभार इस प्रस्तुति का.
ReplyDeleteज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
ReplyDeleteदिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए
बहुत ही सुन्दर बढ़िया भाव. आभार
कुछ भी हो बस आपका दीदार होना चाहिए
ReplyDeleteइन बहारों में चमन गुलज़ार होना चाहिए।
बहुत इस सुन्दर प्रस्तुति है ...आभार !!!!!!!!
शाख के पत्ते के माध्यम से नव्वे साल की उम्र में लिखी गई रचना की १४ वीं कड़ी पढी /पहले तो डाक्टर साहिब का आभार /जिन्दगी में सार हो और आदमी खुद्दार हो रास्ता कोई भी हो , यही बात तो आज कल कोई नहीं मान रहा है ,सब के अपने अपने रस्ते हैं ,अपने अपने भव हैएक मार्ग दर्शक ,आध्यात्मिक रचना ,प्रेरणा प्रद
ReplyDeleteBhavna ji,
ReplyDeletemata ji kee gajal bahut sundar lagee .khaskar ye linen man ko chhoone valee...
ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में सार होना चाहिए
दिल से दिल गर मिल गया तो प्यार होना चाहिए।
mata ji ko badhai.
Poonam
dr bhavnaji
ReplyDeleteacha laga ki aapne leelavatiji ki achi kavita hume padhne ko prastut ki ...aapka v leelavatiji ka aabahr
सत्य का, सद्-धर्म का विस्तार होना चाहिए
दोस्तों को दोस्त पर अधिकार होना चाहिए।
wah....bahut badiya
Wah kya khub sandesh hai aapka dil se pasand aaya..!
ReplyDeleteसुंदर और भावपूर्ण !
ReplyDeleteवास्तव में साहित्य आपकी चाहत है !
अच्छा लगा !
सत के हित में जो लिखा जाये वही तो साहित्य है
आइये सत ka didar thora aise भी kare !
http://thakurmere.blogspot.com/